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राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के विषय पर की चर्चा/sawai madhopur News


अशोक गहलोत ने लोगों से कोरोना महामारी के बारे बात की उन्होंने बताया कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। इस महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और भीड़भाड से दूर रहने के हैल्थ प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना हम सबके लिए जरूरी है। इसके लिए प्रदेश में बड़ा जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। इस काम में सिविल सोसाइटी तथा स्वयंसेवी संगठन सरकार के महत्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका निभा सकते हैं।
निवास से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया। लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही राज्य सरकार ने धर्मगुरूओं, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों, उद्यमियों सहित सभी पक्षों को विश्वास में लेकर फैसले किए। सभी संगठनों ने प्रशासन का भरपूर सहयोग किया। इसी का परिणाम रहा कि जरूरतमंद तबकों को समय पर राहत मिली। हम आज भी सभी के सहयोग से कोरोना से मजबूती से लड़ पा रहे हैं जिसकी पूरे देश में सराहना हो रही है। आगे भी हम इसी जज्बे से कोरोना से लड़ाई लड़ेंगे।
महिला स्वास्थ्य एवं उनके अधिकारों की रक्षा, बाल संरक्षण, श्रमिक कल्याण, मनरेगा एवं खाद्य सुरक्षा सहित विविध क्षेत्रों में काम कर रहे स्वयंसेवी संगठनों तथा सिविल सोसाइटी ने संकट की इस घड़ी में जमीनी स्तर पर काम किया। इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने राशन के वितरण, खाद्य सामग्री पहुंचाने तथा प्रवासी श्रमिकों के परिवहन के काम में सूचनाएं साझा की जिससे सरकार को इनसे संबंधित समस्याओं के समय पर निराकरण में मदद मिली।


प्रदेश में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले पुलिसकर्मियों के लिए मुख्यमंत्री पुलिस पदक योजना लागू होगी। साथ ही पुलिसकर्मियों के आवागमन के लिए रोडवेज की बसों में स्थायी पास की योजना भी प्रारम्भ की जाएगी। पुलिसकर्मियों के लिए हाउसिंग बोर्ड, यूआईटी, जेडीए सहित अन्य संस्थाओं के माध्यम से आवास सुविधा तथा पुलिस लाइन, आर्म्ड बटालियन एवं पुलिस ट्रेनिंग सेंटरों में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने के साथ ही पुलिसकर्मियों का निशुल्क वार्षिक चिकित्सा परीक्षण कराया जाएगा।
निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों से थाना स्तर तक के अधिकारियों से संवाद के दौरान ये महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।

कोरोना के समय संकट के इस दौर में पुलिस ने समर्पण भावना के साथ दायित्वों को अंजाम देकर अपनी मानवीय छवि पेश की है। लॉकडाउन लागू करने से लेकर कोई भूखा नहीं सोए के संकल्प को साकार करने में अधिकारियों से लेकर पुलिस कांस्टेबल तक ने जो भूमिका अदा की है, वह प्रशंसनीय है। आगे भी राजस्थान पुलिस इसी जोश और जज्बे के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन करे।

बीते दिनों कुछ पुलिस कार्मिकों द्वारा आत्महत्या करने की जो घटनाएं हुई हैं, वे दुखद और चिंताजनक हैं। पुलिस महानिदेशक से लेकर थाना प्रभारी स्तर तक अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे अपने अधीनस्थ कार्मिकों की समस्याओं को समझें और उन्हें दूर करने के लिए भावनात्मक संरक्षण दें। ड्यूटी या अन्य किसी कारण से कोई पुलिसकर्मी अवसाद की स्थिति में है तो उसकी मनोस्थिति समझकर आवश्यकतानुसार मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग करवाएं। सरकार पुलिस के मनोबल तथा सम्मान को ऊंचा रखने में कोई कसर नहीं रखेगी।
कोरोना से जंग का अनुभव हम सबके लिए नया था। पुलिस ने इससे निपटने के लिए जो नवाचार किए, उनमें से कई सफल रहे और सामूहिक प्रयासों से हम इस लड़ाई को सफलतापूर्वक लड़ पा रहे हैं। संकट की इस घड़ी में पूरे प्रदेश में शांति और सद्भाव कायम रहा, उसमें पुलिस की बड़ी भूमिका है। होमगार्ड एवं पुलिस मित्रों ने भी कोरोना के इस दौर में सराहनीय कार्य किया है। प्रवासियों को सकुशल अपने घर पहुंचाने, सुरक्षित प्रसव, वृद्धजनों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने और उनकी देखभाल करने, सुगमता के साथ यात्रा पास जारी करने के साथ ही अन्य कार्यों में पुलिस ने जिस भावना के साथ काम किया है, उससे नए रूप में पुलिस का इकबाल कायम हुआ है।

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